Friday, October 2, 2015

dr. shalini agam

न कटाक्ष ,न व्यंग्य ,न औपचारिकता ,न सम्मोहन . बस एक अदद ,अटूट सत्य. आप बधाई की पात्रा हैं डॉ शालिनी अगम। …। ,तत्कालीन साहित्यिक जगत की पारदर्शिता का बखूबी आंकलन आपकी रचनाओं में

सुन्दरतम रचना सदैव की भाँति आदरणीया........

Dr.Shalini Agam

हम तो चिराग हैं  उनके आशियाने के  ,कभी ना कभी तो बुझ 


जायेंगे  ,आज शिकायत हैं उन्हें मेरे उजालों से ,कल उन्हें अंधेरे में बहुत 


याद आयेंगे  . . . .

  hum to chirag hain unke ashiyane ke ,kabhi 


na kabhi to bujh jayenge , aaj shikayat hai unhe mere ujalon 


se ,kal andhere mein bahut yaad aayenge ..