नमस्ते भारतवर्ष,
काम -ऊर्जा से उपचार
काम-ऊर्जा को यदि हम क्षणिक काम-सुख पाने के लिए न करके ,रोग मुक्ति के लिए करें तो ? आश्चर्य -चकित न हों ध्यान से पढ़ें ..........
हमारा मन बहुत तीव्र गति से कार्य करता है ,अपनी बौद्धिक -शक्ति से हम मन को इच्छानुसार गति देने में सक्षम हैं
काम-सुख में निमग्न होते समय हम रोग-ग्रस्त भाग प़र ध्यान केन्द्रित करें.काम-ऊर्जा और रोग-ग्रस्त स्थल के बीच संपर्क स्थापित करें।
काम-सुख के चरम बिंदु प़र पहुँचने के क्षण ही हम काम-उर्जा को रोग-स्थल प़र पहुंचा दें । न-न कोई मुश्किल कार्य नहीं है बस थोडा सा मन को साधना है। जिस क्षण काम-ऊर्जा अपनी चरम-स्तिथि में आये तब उसी क्षण अपना ध्यान रोग-स्थल प़र केन्द्रित कर दें.एक पंथ दो काज । दोनों ही कार्य सफलता-पूर्वक हो जायेंगे.कोई तनाव नहीं लायें ना पहले ना बाद में केवल यह ठीक उसी पल संभव है जब चरम-बिंदु प़र पहुँचाने के लिए काम-ऊर्जा संचित होती है.
शिव और शक्ति के मिलन को रोग - निवारण का स्रोत भी बनाया जा सकता है।
9 comments:
this is wonderful
OOOOOOOOOO WHAT A PERSONALTY
WHAT A STYLE..........
WHAT A ATTITUDE ...........
I LIKE U
SUPERBBBBBBBB DR.SHALINI
shaliniagam
I Can Sense Your Presence,
I Can Feel Your Fragrance,
You Are The Most Beautiful Happening Of My Life..
achchha likha hai
chitthajagat me swagat
aapke man ke moti u hi bikharte rahe
shubhkamnayen
with regard
pradeep
comment se work verification hata dijiye sahaj rahega
pleeezzzzz
रोग ग्रस्त भाग पर( कहीं भी और) ध्यान देते ही , काम -क्रिया टूट जायेगी एवम अर्ध त्रप्ति या अत्रिप्ति से अनेक मनोविकार उत्पन्न होजायेंगे, बजाय कुछ ठीक होने के॥
-- काम सुख में निमग्न होते समय कहीं और ध्यान होगा तो कामेच्छा ही जाती रहेगी। काम एक तप है जो एकाग्रता के बिना नहीं होसकता ।
"---प्रेम गली अति सांकरी जा में दो न समायं ।"
SHALINI .........I APPLIED THIS THERAPY ........IT IS REALLY WORKING
THANKYOU
kyaa kahun shaalini.....jab tak is par kaary nahin kar letaa....tab tak kuchh kahaa bhi to nahin jaa saktaa...!!!
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