Tuesday, May 25, 2010

SHALINIAGAM (SURYE NAMASKAR)SHUBH AAROGYAM






नमस्ते भारतवर्ष सूर्य नमस्कार
सूर्य हमें जीवन देता है। सूर्य समय का दर्पण है। ये तो हम सब जानतें हैं कि हम सभी जीव-जंतु सूर्य की उर्जा ग्रहण करके ही जीवन प्राप्त करतें हैं. सूर्य ही इस धरती का प्राण है।सूर्य नमस्कार के माध्यम से हम अपने-आपको ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जोड़तें है।
अपने पहले के ब्लॉग में मैंने सूर्य द्वारा निरोगी होने कि विधि बताई थी। आज मैं आप सबको सूर्य नमस्कार की विधि बताने जा रहीं हूँ।
सूर्य - नमस्कार के लिए प्रात: काल सूर्य की ओर मुह करके यह क्रिया आरम्भ करें। इसमें १२ क्रियाएं अथवा आसन शामिल हैं । उपर दिये गए चित्र में सभी १२ आसन शामिल हैं। जो कायाकल्प की शक्ति रखतें है ,दीर्घायु प्रदान करतें है,यदि सूर्य-नमस्कार प्रतिदिन केवल १५ मिनट तक नियमित-रूप से किया जाए ,तो समूचे शरीर
को नई जीवन-शक्ति देता है,तथा उसे स्वस्थ और मजबूत बनता है।खाली पेट ,शांत मन से इसे करें।
लाभ-------- १- सूर्य -नमस्कार शरीर के आन्तरिक तथा बाहय अंगों को ऊर्जा देता है। छुपे हुए रोगों व् दर्दों की पहचान कराता है ।
२-इसके नियमित अभ्यास से कब्ज , मासिक धर्म की गड़बड़ियाँ तथा पाचन-सम्बन्धी साधारण शिकायतें दूर हो जातीं हैं.
३-यह शरीर के को जवानी प्रदान करता है, शक्ति देता है, नव-जीवन देता है।
४- मन को निर्मल,शांत व् पवित्र बनाता है
शालिनीअगम
www.aarogyamreiki.com
25 may 2010


3 comments:

BIJESH said...

REALLY WONDERFUL

MAC said...

Dr. Shalini........its really very important for us
thank you dear

ROJ said...

HEADS OFF TO YOU SHALINI