नमस्ते भारतवर्ष
ध्यान की सरलतम विधियाँ -२
अ-हर कार्य को धीमी गति से रस लेतें हुए करें । पूरे साक्षी भाव के साथ , पूरी समग्रता के साथ । इससे तनाव निर्मित नहीं होता और मन शांत बना रहता है । दिनभर के कार्यों को पूरी समग्रता के साथ करें जिस समय जो कार्य करें उसी का आनंद लें ।
बी- जब मौन में पूर्णतया निश्चल ,साक्षी भाव से केवल अपने मन को देखेंगे तो धीरे -धीरे विचारों का आवागमन भी थमने लगेगा और विचार लुप्त-प्राय: होने लगेंगे ।
सी - इस प्रकार हम चेतना के उच्चतम शिखर प़र पहुँचाने लगेंगे जंहा प़र केवल पवित्र ध्वनि गूँज रही होगी । हमारे अस्तित्व की ध्वनि, हमारे आकाश की ध्वनि ..............
डॉस्वीट एंजिल
DIRECTER & FOUNDER SHUBH AAROGYAM
The spiritual Reiki healing & training center
DELHI