ए चाँद ए सितारों बतादो मुझे
कौन हूँ मैं ,क्या हूँ मैं,?
क्यों सांसे लिए जा रही हूँ
.............यूँ तनहा .....?
तभी एक सितारा मुस्काया और
शरारत से बोला ,जरा ध्यान तो दे .....
मैं हूँ तेरा हमसाया .......
जब भी तू कहती है कि मैं तनहा हूँ
वो कहीं से कहता है कि मैं हूँ न !
और उसका अक्स उभर आता है मुझमे
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