kuchshabdmereapne
Thursday, April 15, 2010
कुछ शब्द मेरे अपने (स्व:)
कुछ शब्द मेरे अपने (स्व:)
कौशार्य की विस्मृत कोमलता लौट आने को है,
बचपन के उमंग , उल्लास ,स्वच्च्छंद्ता,गीत-नाद ,
उत्सव------ सब कुछ लुप्त हुए थे कभी ,
प़र साजन के प्रेम में भीगी ,
चपल खंजन-सी ,फुदकती,चहकती ,
नवयुवती अलसाने को है!
डॉ.शालिनीअगम
2002
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