गुप्तजी ने लिखा था कि..........राम तुम इश्वर नहीं मानव हो क्या,प़र मैं कहती हूँ पिताश्री,राम! तुम मानव नहीं इश्वर हो क्या? सदैव सहज मुस्कान,निस्पृहता, मौन ,उदात्त ,निस्संगता से, अपने भीतर लबालब स्नेह से भरे, इस धरती प़र, संबंधों प़र,स्नेह- निर्झर से बहते ,मैं जानती हूँ ............आपका मौन अभिमान नहीं,मनन होता है , निरावेगी रूप के पीछे , प्रेम का आवेग होता है, सहज , सरल , व्यक्तित्व , बेहद निर्मल , विनयशील है,पिता! आप ही नम्र आत्मीय ,मर्मज्ञ प्रबुद्ध हैं ,दिखावटी संभ्रांत नहीं ,एकान्तिक भोले-भंडारी हैं , जो अपनी उपस्तिथि से , अपना परिवेश अनजाने में ही, सुवासित करते रहतें हैं, ..................................अगर दो में से एक भी संतान को,आपके कुछ गुण उधार लेकर (हकपूर्वक) उनमें डाल सकूं ,अगर जीवन-समर में , कहीं भीं कभी भी स्वम जीत कर आपका , मान रख सकूं , तो हे राम ! राम -सुता होने , का दायित्व निभा सकूं,................................
पिता के जन्म-दिन प़र, ५ सितम्बर
१९९५डॉ.शालिनीअगम
your lines as sweet as honey.your words are as pious as father's love.your phrases are as expressive as some poet's thinking.your poem as remarkable as orientation as Taaj-Mahal.Dr.sona
Aah! how much lovely words u have written
dr. Shalini u r amazing
पिता के जन्म-दिन प़र, ५ सितम्बर
१९९५डॉ.शालिनीअगम
your lines as sweet as honey.your words are as pious as father's love.your phrases are as expressive as some poet's thinking.your poem as remarkable as orientation as Taaj-Mahal.Dr.sona
Aah! how much lovely words u have written
dr. Shalini u r amazing
8 comments:
You shine with perfection
Like a rose with drops of dew
And the beauty in your heart
Will forever shine through.
Thanks Shalini
Sweet Shalini,
Thank you for all you do
My endearing and loving friend.
You have always been there
And on you I know I can depend.
LOVELY LINES TO YOUR PA.......
.............Dev
MAM,
YOUR LOVE TO YOUR PAPA.......TRULY BEAUTIFUL,
DR.MEENAXSHI CHANDRA
hi shaaaaaa
lucky father ....got a daughter just like u
you are a lovely daughter
AMAZING SHAAAAAAA
HI SWEET SHALINI...........GREAT
सभी नगमे साज़ में गाये नहीं जाते ,
सभी लोग महफ़िल में बुलाये नहीं जाते ,
कुछ पास रह कर भी याद नहीं आते ,
कुछ दूर रह कर भी भुलाये नहीं जाते
कभी नुम ना हो ये मासूम निगाहे ,
मेरी आरजू है आप सदा मुस्कुराये .
गम के साए रहे हम तक ही ,
आपके आशियाने में सदा बहार ही आये
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