Monday, April 19, 2010

Dr.Sweet Angel (SHUBH AAROGYAM)

अन्धविश्वास और विश्वास के बीच एक बहुत ही छोटा सा अंतर होता है,एक महीन सी रेखा होती है.हम विश्वास का पर्वत किसी निश्चित तथ्य के आधार प़र ही खड़ा करते हैं .हम सब ये तो अच्छी तरह से जानतें है कि इस परम सत्ता को चलाने वाली कोई शक्ति है, वही शक्ति है जो चमत्कार का भण्डार है,विश्वास से अद्भुत और असंभव कार्य सिद्ध हो जातें हैं .अन्धविश्वास का कोई ठोस आधार नहीं होता. किसी भ्रम या कल्पना को आधार बना कर वह अपनी जड़ें जमाता है .अनेक पण्डे, ओझा, तांत्रिक और एजेंट जैसे लोग उस भ्रम को हवा देते हैं . मेरे ही पडौस में एक पति ने अपनी पत्नी से छह : महीने तक केवल इसलिए रिश्ता नहीं रखा क्योंकि किसी पण्डे ने पति को उसकी तरक्की के लिए पत्नी से दूर रहने कि सलाह दी थी ....परिणाम तलाक कि नौबत आ गयी.इस प्रकार के चमत्कारी बाबाओं को अन्धविश्वासी लोगों कि खोज रहती है ,क्योंकि कम समय में अधिक लाभ का चमत्कार ये देखना चाहतें हैं अन्धविश्वास का सम्मोहन इन्हें आकर्षित करता है.सामान्य लोग मान्यताओं और परम्पराओं के सहारे जीतें हैं .वे हर बात को तर्क कि कसौटी प़र रख कर नहीं देखते.अन्धविश्वास फ़ैलाने वाले सामान्य जन के उस मनोविज्ञान को समझतें है .वे जानतें है कि कैसे कोई व्यक्ति किसी चीज के लिए स्वाभाविक रूप से तैयार किया जा सकता है उसे वे परम्पराओं और मान्यताओं क़ी दुहाई देकर समझातें है हम लोगों ने भौतिक प्रगति तो कर ली है ,शिक्षित और सभ्य भी कहलातें हैं प़र मानसिक स्तर प़र हम संकीर्ण और अंध-विश्वासी ही बने हुएँ हैं लेकिन हमें अंधे का भरोसा नहीं करना है.इश्वर तो हमारे भीतर ही है . जो सबकुछ जनता है,समझता है .सर्व-समर्थ है. उसको मानाने के लिए बाहर के गंडे-तावीज ,राख-भस्म क़ी ज़रुरत नहीं होती है.अत: सब कुछ छोड़कर अपने दुःख-कष्ट निवारण के लिए केवल अपनी ओर उन्मुख होना चाहिए .अपने भीतर ही वह इश्वर है जो चमत्कार का भण्डार है.इसलिए सर्व -शक्तिमान प़र विश्वास तो करो पर अन्धविश्वासी मत बनो.डॉ.शालिनीअगम२०१०
so trust yur self

11 comments:

Aditya chauhan said...

Drea Shalini,
Ur such a nice AOUTHER.
keep it up.

Nakul Saini (Directer-Anupam textile) said...

Hello ji............Ur thoughts about superstitions are wonderful.we really need these types of fantastic views.........congratulations.....

REIKI HEALINING GROUP said...

WE LIKE IT
THANKU DR. SHALINIJI

RAJ said...

HI SHALINI
Writing is a Golden Chain
Between 2 Hearts.
Sharing 8 Feelings.
+Love
+Sad
+Happy
+Truth
+Faith
+Secret
+Help
+Feelings…
RAJ

kanchan mishra Ranchi said...

SHALINIJI,
i will go with you
nice very nice

R.TYAGI said...

HIIIIII BEAUTIFUL............
GOOD VERY GOOD

KAPIL BATRA said...

बहुत ज़रूरी जानकारी दी आपने शालिनीजी ,बधाई स्वीकार करें
कपिल बत्रा

JIYESH said...

Divine love is always with me, Guiding and Evolving me to be a more Brighter and an ever more Radiant Shining Beacon of Light. Connect with my Divine Essence and find the real me..............THANX SHALINI

PRARTHNA DESAI said...

Those who have been practicing Usui Reiki for years are amazed at the simplicity of Kundalini Reiki.

Dr Shalini Agam said...

I see that. i offers many attunements too. I love teaching Kundalini Reiki and wrote a very comprehensive manual to explain the method, which I use for my teaching and encourage my students to share when they become teachers.

BOBILYY said...

The leaves of Autumn remind us of how beautiful those paths which tested our strengths and determination to journey on............................its you dr. shalini