काश! उत्सव आ जाए ,
दीये ही दीये जल जाएँ ,
फूल ही फूल खिल जाएँ,
जो मैने जाना, मैंने जिया ,
मैंने पहचाना .........
कुछ न मिला...................
काश!
भीतर मेरी आत्मा का स्नान हो जाये ,
भीतर में स्वच्छ हो जाऊं ,
भीतर में आनंदमग्न हो जाऊं........
डॉ.शालिनिअगम
www.aarogyamreiki.com
2 comments:
I'm gonna smile, cause I wanna make you happy...
VERY GOOD,KEEP IT UP
सभी नगमे साज़ में गाये नहीं जाते ,
सभी लोग महफ़िल में बुलाये नहीं जाते ,
कुछ पास रह कर भी याद नहीं आते ,
कुछ दूर रह कर भी भुलाये नहीं जाते
कभी नुम ना हो ये मासूम निगाहे ,
मेरी आरजू है आप सदा मुस्कुराये .
गम के साए रहे हम तक ही ,
आपके आशियाने में सदा बहार ही आये
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